पश्चिम बंगाल को बदहाल स्थिति से मुक्त करेगी भाजपा: बाबुल सुप्रियो By राम प्रसाद त्रिपाठी

पश्चिम बंगाल को बदहाल स्थिति से मुक्त करेगी भाजपा: बाबुल सुप्रियो

केन्द्रीय मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल भाजपा के ऊर्जावान युवा नेता हैं। इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत बालीवुड में प्लेबैक गायक व अभिनेता के रूप में की। 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री सुप्रियो ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से भाजपा उम्मीदवार के रूप में विजय हासिल की। साथ ही, उन्हें मोदी सरकार में सबसे युवा केन्द्रीय मंत्री बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ। जुलाई 2016 में सरकार में भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री का कार्यभार संभालने से पूर्व उन्होंने राज्यमंत्री के रूप में नगर विकास, आवास और नगरीय गरीबी उन्मूलन की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाई। यही नहीं, स्पष्टवादिता और अभिनव दृष्टिकोण के लिए विख्यात श्री सुप्रियो ने केन्द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के साथ ही पश्चिम बंगाल में कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना भी किया।
‘कमल संदेश’ के एसोसिएट सम्पादक श्री राम प्रसाद त्रिपाठी के साथ इंटरव्यू में श्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की हालत निरंतर बद से बदतर होती जा रही है और पूरे राज्य में अस्त-व्यस्तता और लोकतंत्र विरोधी माहौल छाया हुआ है। पश्चिम बंगाल को इस बदहाल स्थिति से मुक्त करने के लिए भाजपा ने संकल्प लिया है। यहां प्रस्तुत है इस साक्षात्कार के प्रमुख अंश:
एक समय था जब बंगाल देश का सांस्कृतिक और औद्योगिक पावरहाउस हुआ करता था और यह वह प्रदेश था जिसने हमारे समसामयिक समाज के बड़े से बड़े नेताओं को जन्म दिया। यह सांस्कृतिक और बौद्धिक क्रांति फैलाने के लिए प्रसिद्ध था, जिसने राष्ट्र को प्रेरणा दी। 1940 और 1950 के दशकों में लाखों युवाओं और रोजगार ढूंढ़ने वालों के लिए यह प्रदेश प्रसिद्ध रहा है, परन्तु विगत 40 वर्षों में स्थिति एकदम बदल गई है। आपके विचार में वह क्या कारण है जो बंगाल को विनाश की ओर ले जा रहे है?
दुःख की बात है कि मैं भी इससे सहमत हूं। बंगाल ने हमारे समाज के कुछ बड़े से बड़े मानवों को जन्म दिया। जिनमें से श्री चैतन्य, रामकृष्ण, विवेकानंद, टैगोर, सुभाष बोस, डा. मुकर्जी और अनेक स्वतंत्रता सेनानी एवं सामाजिक सुधारक रहे हैं। स्वतंत्रता-पूर्व काल में बंगाल स्वतंत्रता अभियान का प्रमुख केन्द्र रहा और यह उद्योग तथा शिक्षा का मुख्य हब माना जाता था, परन्तु जब वामपंथी पार्टियां सत्ता में आई तो राज्य का पतन शुरू हो गया। लोगों द्वारा उनकी जिम्मेदारी का ख्याल न रखते हुए उन्होंने अपना विवेक और समझबूझ खो दी और हिंसा तथा कुशासन का बोझ डाल दिया गया। वामपंथी शासन के लगभग चार दशकों में राज्य में भ्रष्टाचार और अपराध का बोलबाला रहा। विकास कार्यों के बजाए वामपंथी इसे पीछे की तरफ ले गए और पश्चिम बंगाल की रीढ़ की हड्डी ही तोड़ डाली। अपनी नान-परफोर्मेंस और विफलता छिपाने के लिए उन्होंने हिंसा का रास्ता अपनाया तथा विपक्ष की आवाज दबाने का काम किया। साथ ही भय दिखाकर चुनाव जीतने की भी कला सीख ली।
 
विनाशकारी वामपंथी शासन के बाद सत्ता टीएमसी के हाथों में चली गई। सभी को उम्मीद थी कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल की गरिमा फिर से उभर कर आएगी और यह प्रदेश विकसित राज्य बन पाएगा, परन्तु दुर्भाग्य से ममता बनर्जी ने बंगाल को धोखा दिया। केन्द्र सरकार से सहयोग करने की बजाए, जिससे राज्य का तेजी से विकास हो, टीएमसी सरकार ने अपने संकीर्ण राजनैतिक लाभ के लिए टकराववादी रूख अपना लिया। अब, विडम्बना यह है कि टीएमसी सरकार केन्द्र सरकार को जवाब तक नहीं देती है। देश के प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई बैठक तक में मुख्यमंत्री उपस्थित नहीं होती है। इनके मंत्री केन्द्रीय बैठको में भाग नहीं लेते हैं। निश्चित ही वामपंथियों ने पश्चिम बंगाल को तबाह करके रख दिया है और उन्होंने प्रदेश को ऐसी जगह पहुंचा दिया जहां से वापस लौटना दुश्कर हो गया है, परन्तु ममता बनर्जी की सरकार में राजनैतिक व्यवहार अपने निचले स्तर तक पहुंच गया है।समग्र विकास की बजाए ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने ‘परिवर्तन’ का नारा लगाया है, परन्तु राज्य में कहीं भी ‘परिवर्तन’ नहीं हुआ है। कृषि क्षेत्र तबाह हो गया है, व्यापार ठप हो गया है, उद्योग बंद हो गए हैं, राज्य में काम मिलना बंद हो गया है और अंततः लोगों को राज्य से बाहर जाने पर विवश होना पड़ रहा है। यदि कहीं कोई परिवर्तन दिखाई पड़ता है तो वह टीएमसी के जीवन स्टाइल में ही दिखाई पड़ता है।
मुख्यमंत्री लोकतंत्र का गला घोंट रही हैं। अब बंगाल अलोकतांत्रिक गतिविधियों का अड्डा प्रसिद्ध हो गया है और राज्य की राजनीतिक संस्कृति का भारी पतन हुआ है। एक बंगाली होने के नाते मुझे इन गतिविधियों पर शर्म महसूस होती है। इस सरकार के नेतृत्व में बंगाल निरंतर विनाश की ओर बढ़ रहा है और उसका पतन शुरू हो गया है।
हाल की घटनाओं को देखते हुए यह बात बहुत साफ है कि टीएमसी कार्यकर्ता विपक्षी नेताओं के घरों, पार्टी कार्यालयों और समर्थकों पर हमला बोल रहे हैं। सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी से टीएमसी क्या संदेश देना चाहती है?
जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले दिनों टीएमसी नेताओं ने कलकत्ता में प्रदेश भाजपा कार्यालय पर हमला बोला । श्रीमती कृष्णा भट्टाचार्य जैसे भाजपा नेताओं के घर जला दिए, जो हावड़ा जिले की धुलागढ़ गांव में, मालदा और अन्य स्थानों पर हिंदुओं के घर जला दिए। लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
दूसरे, राज्य में टीएमसी के नेता जिस प्रकार की भाषा बोल रहे हैं, विपक्ष के नेताओं के लिये जिस भाषा का व्यवहार कर रहे हें, वह सत्ताधारी पार्टी के गरिमा के अनुरूप नहीं है। केन्द्र सरकार के प्रति उनका रवैय्या और कानून-व्यवस्था की स्थिति से पता चलता है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी सरकार लोकतांत्रिक मार्ग से विचलित हो चुकी हैं। वह भ्रष्टाचार, अपराध और हुडदंगवाद की तरफ बढ़ते जा रहे हैं। अतः जो कुछ भी बंगाल में घट रहा है, उसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के अलावा और किसी पर नहीं जाती है।
तीसरे, ऐसा लगता है कि ऊपर से नीचे तक टीएमसी नेताओं के बीच विपक्षी नेताओं के खिलाफ गंदी से गंदी भाषा में गलियां देने की होड़ लगी हुई है। यहां तक टीएमसी हाई कमान भी उन लोगों को पुरस्कृत कर रहा है, जो अन्य राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं पर हमला बोलते रहते हैं। राज्य की पुलिस या तो खामोश रहती है या टीएमसी कार्यकर्ताओं के गुंडाराज का समर्थन करती है। एक तरफ टीएमसी कार्यकर्ता केन्द्रीय मंत्री को भी नहीं छोड़ते, उन पर पत्थरों से हमला बोलते हैं, परन्तु राज्य पुलिस मौन खड़ी रहती है। दूसरी तरफ, पुलिस के बांकुडा सुपरिटेंडेंट, भारती घोष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में उनकी पार्टी का समर्थन करते हुए प्रचार करती हैं। इससे पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस की सांठगांठ की पुष्टि होती है।
टीएमसी ने बंगाल और केरल में वामपंथी शासन की नक़ल की है। अतः इन अपराधिक गतिविधियों के पीछे सत्ताधारी पार्टी का यही उद्देश्य नजर आता है कि वह लोगों के मन में भय पैदा करे और विपक्ष का गला घोंटे।
उत्तरदायी विपक्षी पार्टी के रूप में भाजपा किस प्रकार से हिंसा, अपराध और अव्यवस्था के दूषित चक्र से पश्चिम बंगाल को बाहर लाएगी?
भाजपा का दिनोंदिन उदय हो रहा है और ममता बनर्जी इस संगठन के बढ़ते कदमों को देखकर भयभीत हो रही हैं। यही वजह है कि वह अपने कार्यकर्ताओं को हमारे छात्र नेताओं तथा राजनैतिक कार्यकर्ताओं पर हमला बोलने के लिए उकसा रही है। किन्तु, लोकतांत्रिक ढांचे में हिंसा और अपराध का कोई स्थान नहीं होता है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जैसे हमारे नेताओं ने हमेशा रचनात्मक राजनीति पर विश्वास किया है और वे मानते हैं कि विकास से ही सभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।
हमारे कार्यकर्ता नागरिकों में जागरूकता फैला रहे हैं और टीएमसी प्रायोजित हिंसा और अपराध के खिलाफ राज्य में बंगालियों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि जल्द ही लोगों में जागरूकता आएगी और ममता बनर्जी की कानूनी अव्यवस्था एवं अलोकतांत्रिक शासन का जनता समुचित उत्तर देगी।
राज्य में ममता बनर्जी के शासनकाल में शारदा से रोजवैली तक बहुत से चिटफंड घोटाले हुए। इन घोटालों में टीएमसी के मंत्री और सांसद शामिल पाए गए और उनमें से कुछ जेल में भी हैं। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
शारदा, रोजवैली और अन्य चिटफंड घोटालों में जो लोग शामिल हैं, उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। ये सब वित्तीय अपराध हैं। इसलिए सीबीआई ने समुचित अन्वेषण कर उनमें से कुछ की गिरफ्तार किया है और निश्चित ही उन अपराधियों को दबोचेगी जो कानून के दायरे से बाहर हैं। एक समय था जब ममता बनर्जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, परन्तु अब वह भ्रष्ट और भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है। आने वाले दिनों में टीएमसी बर्बाद हो जाएगी और भाजपा का उदय होगा और राज्य में वह सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरेगी।
केन्द्रीय मंत्री के रूप में पश्चिम बंगाल के विकास में आपका क्या विजन है?
एक समय था जब औद्योगिकरण के लिए बंगाल दूसरे राज्यों का नेतृत्व करता था, परन्तु अब वह पीछे की तरफ जा रहा है। कोई भी व्यक्ति पश्चिम बंगाल में निवेश करने के लिए तत्पर नहीं है। पहले ही कई इकाईयां बंद हो चुकी हैं। आए दिन रोजगार के अवसर लुप्त हो रहे हैं। अधिकांश युवा बेरोजगार हैं और कुंठित हैं। किसान और उद्योगपति विवश बने हुए हैं। अतः निराशा के इस वातावरण में संगठन के रूप में भाजपा लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रही है ताकि लोग केन्द्र सरकार की विभिन्न विकास की योजनाओं को समझें और इससे लाभ लें।
हम केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई कल्याणकारी योजनाओं में विश्वास रखते हैं, जो राज्य का कायापलट कर देंगी और हम युवाओं, महिलाओं, गरीबों, किसानों और समाज के कमजोर वर्गों का उद्धार चाहते हैं। अतः हमारा मुख्य ध्यान लोगों के विकास पर है।
हाल ही में, मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में ‘सांसद मेला’आयोजित किया, ताकी केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। लोगों ने इसमें बेहद दिलचस्पी दिखाई है। हम भविष्य में इसे अन्य स्थानों पर भी आयोजित करेंगे। निश्चित ही इससे राज्य को निराशा से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
पश्चिम बंगाल में भाजपा का क्या भविष्य है?
पश्चिम बंगाल में भाजपा का उज्ज्वल भविष्य है। आम लोग अच्छी तरह जानते हैं कि उनका प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हमारे विकास के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं। आज तक ढाई साल के शासनकाल में उनके खिलाफ, उनकी सरकार या उनके मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा। सरकार के खिलाफ विपक्ष भी हमला करने का कोई कारण नहीं ढूंढ पाया है। इसी कारण भाजपा की लोकप्रियता और वोट प्रतिशत दिन-ब-दिन प़ बंगाल और देशभर में बढ़ता जा रहा है।
दूसरे, पश्चिम बंगाल में लोग धीरे-धीरे समझने लगे हैं कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जो बिना किसी भेदभाव के विकास ला सकती है। यदि भाजपा सरकार बनाती है तो वह राज्य को विकास मार्ग पर ले जा सकती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात का विकास कर दिखाया है। और अब वह प्रधानमंत्री के रूप में देश का विकास कर रहे हैं। भाजपा नेतृत्व में चल रही राज्य सरकारों का विकास देश के अन्य राज्यों की तुलना में तेजी से हो रहा है। हर तरफ भाजपा का मिशन ‘विकास’ है। वास्तव में हम उदाहरण पेश कर रहे हैं और बता रहे हैं कि देश के अत्यधिक पिछड़े क्षेत्रों में भी विकास किया जा सकता है।
अंत में, मैं राज्य और अपनी पार्टी का उज्ज्वल भविष्य देखता हूं। टीएमसी कीचड़ फैला रही है जिससे बंगाल में ‘कमल’का ही उदय होगा। वह दिन दूर नहीं जब भाजपा पश्चिम बंगाल में सता में आयेगी और बंगाल का तीव्र गति से आर्थिक-सामाजिक विकास होगा।
rptripathy@bjp.org
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